एकनाथ शिंदे जीवन परिचय
पूरा नाम | एकनाथ संभाजी शिंदे |
व्यवसाय | राजनेता और व्यवसायी |
जाने जाते हैं | महाराष्ट्र, ठाणे के कोपरी-पछपाखडी निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य होने के नाते |
Table of Contents
एकनाथ शिंदे शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 172 मी०- 1.72 फीट इन्च- 5’ 8” |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला |
एकनाथ शिंदे राजनीति

एकनाथ शिंदे व्यक्तिगत जीवन
एकनाथ शिंदे प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
एकनाथ शिंदे परिवार
पत्नी | लता एकनाथ शिंदे (व्यवसायी) |
बच्चे | बेटा– 2 • श्रीकांत शिंदे (राजनेता) • दीपेश शिंदे (मृत्यु 2 जून 2000) बेटी- शुभदा शिंदे (मृत्यु 2 जून 2000) नोट: एकनाथ शिंदे का एक बेटा दीपेश शिंदे जिसकी उम्र महज 11 साल थी और एक बेटी शुभदा शिंदे जिसकी उम्र महज 7 साल थी, जिनको लेकर वह सतारा जिला घूमने गए थे। बोटिंग दुर्घटना में उनके दोनों बच्चे उनकी आंखो के सामने पानी में डूब गए और उनकी मृत्यु हो गई। |
माता-पिता | पिता– संभाजी नवलू शिंदे माता– गंगुबाई शिंदे (18 अप्रैल 2019 को निधन) |
भाई/बहन | भाई– प्रकाश संभाजी शिंदे (ठाणे नगर निगम में पार्षद) |
एकनाथ शिंदे धन संपत्ति संबंधित विवरण
संपत्ति | चल संपत्ति नकद: 2,81,000 बैंकों में जमा: रु. 32,64,760 बांड, डिबेंचर और शेयर: रु. 30,591 एलआईसी या अन्य बीमा पॉलिसियां: रु. 50,08,930 व्यक्तिगत लोन: रु. 1,89,247 मोटर वाहन: रु. 46,55,490 आभूषण: रु. 25,87,500 अचल संपत्ति कृषि भूमि: रु. 28,00,000 कमर्शियल भवन: रु. 30,00,000 आवासीय भवन: रु. 8,87,50,000 |
कुल संपत्ति | 7.82 करोड़ (2019 के अनुसार) |
एकनाथ शिंदे से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- एकनाथ शिंदे एक भारतीय राजनेता और व्यवसायी हैं। शिवसेना के कद्दावर नेता आनंद दीघे से प्रभावित होकर उन्होंने बाल ठाकरे की उपस्थिति में शिवसेना पार्टी को ज्वॉइन किया था।
- उनका जन्म और पालन-पोषण महाराष्ट्र के सतारा जिला के एक गरीब परिवार में हुआ था।
- एकनाथ शिंदे शिवसेना पार्टी में शामिल होने से पहले एक ऑटो रिक्सा चालक थे और ऑटो चलाकर अपने परिवार की परवरिश करते थे।
- शिंदे अपने परिवार की परिस्थिति को देखते हुए अपनी स्कूली शिक्षा बीच में ही छोड़ दी थी।
- 1970 और 80 के दशक में वह शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और तत्कालीन ठाणे जिला अध्यक्ष श्री आनंद दिघे के कामकाज से प्रभावित थे।
- महाराष्ट्र की सरकार में भूचाल लाने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के जीवन में एक ऐसा भी समय आया था। जब उनके ही समने उनके एक पुत्र और एक पुत्री का नाव डूबने से मृत्यु हो गई थी। शिंदे उस समय पूरी तरह से टूट गए थे और राजनीतिक समेत सबकुछ छोड़ने का फैसला लिया था।
- एकनाथ शिंदे अपने परिवार के साथ ‘शुभदीप’ नामक एक बंगले में रहते हैं, जिसका नाम उनके दिवंगत बच्चों दीपेश और शुभदा के नाम पर रखा गया है। अब उनके परिवार में पत्नी लता शिंदे, बेटा श्रीकांत शिंदे, बहू वृषाली और पोता रुद्रांश हैं।
- 1980 के दशक में वह शिवसेना सुप्रीमो बाल साहेब ठाकरे और शिवसेना के गद्दावर नेता आनंद दिघे के संपर्क में आए, जिन्होंने उन्हें शिवसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
- शिवसेना में शामिल होने के बाद, उन्हें वर्ष 1980 में किसान नगर के शाखा प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था।
- उन्होंने अपनी पार्टी द्वारा शुरू किए गए कई राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों में भाग लेना शुरू किया, जिसमें मुद्रास्फीति, कालाबाजारी, व्यापारियों द्वारा ताड़ के तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी आदि शामिल हैं।
- वर्ष 1985 में उन्होंने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा आंदोलन में भाग लिया जिसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें महाराष्ट्र की बेल्लारी जेल में 40 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रखा।
- वर्ष 1996 में MSRDC की स्थापना राज्य में सड़क विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। इस परियोजना के तहत मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाईवे और मुंबई बांद्रा-वर्ली सी लिंक का निर्माण किया जाना था। हालांकि, 1999 में कांग्रेस-एनसीपी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई। लेकिन राजनीतिक कारणों से इस परियोजना को नजरअंदाज कर दिया था। एकनाथ शिंदे ने विभाग का कार्यभार सँभालने के बाद एमएसआरडीसी को पुनर्जीवित करने की कसम खाई, और अगले पांच वर्षों में उनके नेतृत्व में मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे (समृद्धि हाईवे), मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाईवे क्षमता विस्तार सहित कई बड़ी परियोजनाएं वाशी में ठाणे खाड़ी पर तीसरा पुल, बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक, छह लेन और सड़कों का कंक्रीटीकरण, विदर्भ में 27 रेलवे फ्लाई पूल, वर्सोवा-विरार सी-लिंक और गायमुख-फाउंटेन होटल-घोड़बंदर उन्नत मार्ग पूरे किए गए।
- शिंदे सत्ता में रहते हुए डेल्टा फोर्स के माध्यम से गश्त बढ़ाने का भी आदेश दिया। गति सीमा का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कई सीसीटीवी और स्पीड गन उपाय स्थापित किए गए ताकि दुर्घटनाओं की संख्या कम हो। कथित तौर पर वर्ष 2016 में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 151 लोग हताहत हुए थे और 2018 में यह संख्या घटकर 110 हो गई थी। उन्होंने इस अनुपात को शून्य करने के लिए सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से ‘जीरो फिटनेस कॉरिडोर’ योजना लागू करने का निर्देश दिया। इसके आलावा उन्होंने ओजार्डे में ट्रॉमा केयर सेंटर खोलने की अनुमति दी
- वर्ष 1997 में उन्होंने एक कॉर्पोरेटर के रूप में ठाणे नगर निगम (TMC) का चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए। जिसके बाद उन्होंने 2001 से 2004 तक टीएमसी में एक सदन के नेता के रूप में कार्य किया।
- वर्ष 2001 में शिवसेना के ठाणे जिला प्रमुख आनंद दिघे की आकस्मिक मृत्यु के बाद, उन्हें ठाणे जिले में शिवसेना की तरफ से राजनीतिक मैदान में उतरा गया और शिंदे को ठाणे जिले के प्रमुख के रूप में भी नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में शिवसेना ठाणे नगर निगम, कल्याण-डोंबिवली नगर निगम, उल्हासनगर नगर निगम, भिवंडी नगर निगम, अंबरनाथ नगर परिषद और बदलापुर नगर परिषद सत्ता में आई।
- एकनाथ शिंदे शिवसेना के कद्दावर नेता आनंद दीघे को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।
- वर्ष 2004 में उन्होंने ठाणे विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा और बाल साहेब ठाकरे के नेतृत्व में भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता। वर्ष 2009, 2014 और 2019 के बाद उनकी अध्यक्षता में विधानसभा चुनाव जीते गए। 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें शिवसेना के विधायक दल के नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया गया।
- 2004 से 2014 तक शिंदे ने विपक्षी दल के नेता के रूप में ठाणे और एमएमआर में अवैध इमारतों के लिए क्लस्टर विकास योजना जैसे राज्य के मुद्दों को लगातार उठाया जिसमें-ठाणे मेट्रो, ठाणे और मुलुंड के बीच एक नया विस्तारित ठाणे स्टेशन, पानी की कमी, राज्य की तटीय सुरक्षा, पुलिस बल का आधुनिकीकरण, मुद्रास्फीति, राज्य का बढ़ता कर्ज आदि शामिल है। अक्सर उन्हें अपनी राजनीतिक रैलियों में ऐसे मुद्दों पर भाषण देते हुए देखे जाता है।
- एकनाथ शिंदे वर्ष 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार में मंत्री बनने के बाद, अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की और वाशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र से मराठी और राजनीति में बीए किया।
- ठाणे शहर के लिए क्लस्टर डेवलपमेंट और ठाणे मेट्रो नाम की परियोजनाओं को शिंदे के नेतृत्व और सहायता के तहत मंजूरी दी गई थी। वह अक्सर उन लाखों निवासियों के पुनर्वास से संबंधित मुद्दों की वकालत करते हैं, जिन्हें ठाणे से अवैध निर्माण के कारण घरों से निकाल दिया गया था।
- दिसंबर 2019 में शिवसेना ने महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में एकनाथ शिंदे को लोक निर्माण मंत्री के अतिरिक्त स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। इसके आलावा उन्हें महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) के अध्यक्ष के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई।
- 22 नवम्बर 2020 को एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे श्रीकांत शिंदे और अपने चचेरे भाई महेश शिंदे के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर में आधुनिक तरीके से एक स्ट्रॉबेरी प्लांट की स्थापना की।
- मीडिया हाउस से खबर मिली कि 20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के कई विधायकों के साथ लापता हो गए। कथित तौर पर यह अफवाह थी कि शिवसेना के कुछ विधायकों ने विधान परिषद चुनावों में क्रॉस वोट किया, जिसके परिणामस्वरूप एमएलसी सीटों पर भाजपा की जीत हो रही थी। कुछ मीडिया सूत्रों के मुताबिक यह विधायक चुनाव संपन्न होने के बाद गुजरात के सूरत में एक होटल में जा ठहरे। यह भी खबर थी कि एकनाथ शिंदे शिवसेना पार्टी के कामकाज से खुश नहीं थे। शिवसेना ने उन पर पार्टी के खिलाफ बगावत करने का आरोप भी लगाया था।