इससे किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी और यह उनके राजस्व को दोगुना करने की दिशा में एक मह– यह कृषि अपशिष्ट को कम करने, प्रसंस्करण स्तरों में सुधार करने, ग्राहकों को किफायती मूल्य पर सुरक्षित और आसान प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात का विस्तार करने में भी सहायता करेगा।त्वपूर्ण कदम है।