1.चंद्रयान 3 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक अंतरिक्ष मिशन है।
2.चंद्रयान 3 मिशन का मुख्य उद्देश्य चांद पर उपग्रह भेजना और चंद्रमा के विभिन्न गठनों और प्रक्रियाओं की गहराई का अध्ययन करना है।
3.चंद्रयान 3 लॉन्च की योजना 2022 में शुरू हुई थी, लेकिन तकनीकी कठिनाइयों के कारण इसे 2023 में टाल दिया गया।
4.चंद्रयान 3 मिशन में उपयोग होने वाला रोवर वाहन "प्रज्ञान" नामक होगा, जो चंद्रमा की सतह पर जाकर वैज्ञानिक और वैज्ञानिक गतिविधियों का अध्ययन करेगा।
5.चंद्रयान 3 मिशन में उपयोग होने वाला रोवर वाहन "प्रज्ञान" सौर ऊर्जा का उपयोग करके चलेगा।
6.चंद्रयान 3 मिशन का मंगल यान, जो इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) द्वारा डेवलप किया गया है, मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए उपयोग होगा।
7.चंद्रयान 3 मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के गहरे तल में पानी की मौजूदगी की जांच करना है।
8.चंद्रयान 3 मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है "लंबे रुके" अभियांत्रिकी, जो सुनिश्चित करेगी कि चंद्रयान 3 मिशन चंद्रमा की सतह पर दीर्घकालिक विज्ञानिक मिशन के लिए सुरक्षित रहे।
9.चंद्रयान 3 लॉन्च का प्रमुख उद्देश्य चंद्रमा पर अनुसंधान करने के लिए अंतरिक्ष यात्रा के दौरान अपने वैज्ञानिक उपकरणों को निर्धारित स्थान पर पहुंचाना है।
10.चंद्रयान 3 मिशन में उपयोग होने वाली रॉकेट, जिसे "गीएसएलवी मार्क 3" कहा जाता है, एक बहुमुखी एक्सपोर्ट कनाल द्वारा प्रदर्शित की जाती है।
11.चंद्रयान 3 मिशन के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यान और रोवर वाहन एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला के रूप में उपयोग होंगे और चंद्रमा की जमीनी प्रकृति और संरचना का अध्ययन करेंगे।
12.चंद्रयान 3 मिशन में उपयोग होने वाला रोवर वाहन सौर ऊर्जा के साथ स्वत: संचालित होगा और एक साल तक काम करेगा।
13.चंद्रयान 3 मिशन के दौरान सौर पायलटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा, जिससे सौर पावर और बैटरी प्रणाली की दृढ़ता बढ़ाई जाएगी।
14.चंद्रयान 3 मिशन के दौरान रोवर वाहन "प्रज्ञान" के पास सौर उर्जा के उपयोग से चंद्रमा की सतह पर लंबे समय तक चलने की क्षमता होगी।
15.चंद्रयान 3 मिशन का मुख्य लक्ष्य विज्ञानिकों को चंद्रमा के विभिन्न तत्वों, जैसे चट्टानें, मिट्टी, पत्थर, और पानी की जांच करने में सहायता प्रदान करना है।