शिवरात्रिजानिए सावन शिवरात्रि 2023 के 15 छिपे हुए और आश्चर्यजनक तथ्य

सावन शिवरात्रि का महत्वपूर्ण केंद्र ब्रिटेन में भी मान्यता प्राप्त है। हिंदू समुदाय वहां इस धार्मिक पर्व को धूमधाम से मनाता है।

सावन मास में शिवरात्रि का व्रत रखने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है और दुःख दूर होते हैं।

सावन में शिवलिंग की अभिषेक करने से धन, सुख, समृद्धि, और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।

सावन के महीने में भोलेनाथ की खास पूजा के लिए ज्यादातर शिवालय और धार्मिक स्थल भगवान शिव की देवी पर्वती को समर्पित होते हैं।

सावन मास में खास तौर पर शिवरात्रि के दिन गंगा नदी के पानी को शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी पाप धुल जाते हैं।

भगवान शिव की विशेषता में एक है कि उन्हें गंगा की धारा अपने सिर में नहीं टपकती है।

सावन शिवरात्रि के दिन काले उड़े दाना खाने से व्रत का फल और गुण बढ़ते हैं।

सावन मास में शिवरात्रि के दिन मंदिरों में धूप और दीपों की खास पूजा की जाती है जो शिवजी को खुश करने के लिए की जाती है।

सावन मास में अशिवनी नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए शिवरात्रि व्रत रखना बहुत शुभ होता है और उन्हें बहुत सारी सफलताएं मिलती हैं।

सावन मास में शिवरात्रि के दिन अमरनाथ यात्रा का आयोजन होता है, जिसमें लाखों शिव भक्त शिवलिंग के दर्शन के लिए जाते हैं।

सावन मास में शिवरात्रि की रात्रि में शिवजी का विशेष गीत "शिव तांडव स्तोत्र" गाया जाता है, जिसे सुनकर शिवभक्तों को आध्यात्मिक अनुभव मिलता है।

सावन में शिवरात्रि के दिन शिवलिंग के सामने बेल पत्र पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।

सावन मास में शिवरात्रि के दिन त्रिपुंड्री चिन्ह शरीर पर बनाने से व्रत का फल दोगुना होता है और सभी पापों का नाश होता है।

सावन शिवरात्रि के दिन महादेव का ध्यान करने से मन में शांति, स्वास्थ्य और शक्ति की प्राप्ति होती है।

सावन मास में शिवरात्रि का व्रत रखने से संतान सुख में वृद्धि होती है और पुत्र प्राप्ति के योग बढ़ते हैं।