अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य: यमुना नदी भारत की प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्भुत स्रोत है, जिसमें घाटीय दृश्य और जल प्रदूषण का सामंजस्य है।
पौराणिक महत्व: यमुना नदी पौराणिक महत्व की एक प्रमुख स्रोत है, और इसे हिंदू धर्म में माता यमुना की स्थानीय देवी के रूप में पूजा जाता है।
गंगा-यमुना आरती: यमुना नदी पर हर शाम गंगा-यमुना आरती का आयोजन होता है, जिसमें भक्तों की भागीदारी होती है।
प्रदूषण की समस्या: यमुना नदी को जल प्रदूषण की समस्या से झूलना पड़ता है, जिससे इसका पानी प्रदूषित हो जाता है।
प्राकृतिक हेलिंग पॉवर: यमुना नदी के पानी में प्राकृतिक हेलिंग पॉवर होता है, जिसे तत्ववादी चिकित्सा में उपयोग किया जाता है।
ऐतिहासिक महत्व: यमुना नदी का ऐतिहासिक महत्व भी है, और इसे नदी के किनारे स्थित ऐतिहासिक स्थलों की गवाही देती है।
यमुनोत्री स्थल: यमुना नदी का सबसे पवित्र स्थान यमुनोत्री है, जहां से यह निकलती है और गंगोत्री के साथ एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
नदी का लम्बाई: यमुना नदी की लम्बाई लगभग 1,376 किलोमीटर है, और इसका स्रोत यमुनोत्री हिमालय में स्थित है।
यमुना प्रवाह मार्ग: यमुना नदी पर यमुना प्रवाह मार्ग निर्मित किया गया है, जिससे जल परिवहन का विकास हो रहा है।
बांधों की महत्वपूर्ण भूमिका: यमुना नदी पर कई बांधों की निर्माण भूमिका है, जो जल संचय और विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उद्यानों का संरक्षण: यमुना नदी के किनारे कई उद्यान स्थित हैं, जो प्राकृतिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं और पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
वनस्पति और जनजीवन: यमुना नदी के किनारे विविधता से भरे हुए वनस्पति और जनजीवन पाए जाते हैं, जिसे रक्षा करने की आवश्यकता है।
बाघों की आवासस्थली: यमुना नदी के पास बाघों की आवासस्थली मौजूद है, जो इसे जंगली जीवन के लिए महत्वपूर्ण बनाती है।
द्वीप संरचना: यमुना नदी के प्रवाह में कई छोटे और बड़े द्वीप संरचनाएं मौजूद हैं, जो पक्षी और वन्यजीवों के लिए स्वर्ग हैं।
द्वीप संरचना: यमुना नदी के प्रवाह में कई छोटे और बड़े द्वीप संरचनाएं मौजूद हैं, जो पक्षी और वन्यजीवों के लिए स्वर्ग हैं।