ठीक तरह से रुद्राक्ष या भद्राक्ष की पहचान न होने के कारण लोग कई बार नकली रुद्राक्ष या भद्राक्ष भी खरीद लेते हैं। इसका मुख्य कारण है असली और नकली का अंतर न पता होना है, इस लेख के माध्यम से हम आपको रुद्राक्ष और भद्राक्ष के अंतर के बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं इनके बीच का अंतर –
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष को धारण करने योग्य समझा गया है और इसे धारण करने के साथ साथ कुछ नियमो का पालन भी करना पड़ता है जबकि भद्राक्ष को धारण करने योग्य नहीं समझा जाता हैl
दरअसल रूद्राक्ष और भद्राक्ष दोनो के पेड़ देखने में तो समान होते हैं लेकिन रुद्राक्ष के बीज और फल गोल होते हैं। जबकि भद्राक्ष का आकर अंडाकार रूप में होता है।
भद्राक्ष के फल में प्राकृतिक छिद्र नहीं होते हैं जबकि रुद्राक्ष के बीजों में बेलनाकार प्राकृतिक छिद्र होता है।
रूद्राक्ष की तुलना में भद्राक्ष भार में हल्का होता है।
रुद्राक्ष एक बीज होता है जो अधिक कठोर होता है जबकि इसकी अपेक्षा में भद्राक्ष की कठोरता कम होती हैl
रुद्राक्ष का उपयोग मंत्र जाप और आभूषणों में किया जाता है लेकिन भद्राक्ष का उपयोग सिर्फ आभूषणों में किया जाता है।
रूद्राक्ष भारत और नेपाल दोनो देशों में पाया जाता है जबकि भद्राक्ष सिर्फ भारत में ही पाया जाता है।
रुद्राक्ष को पानी में डालने पर वह डूब जाता है लेकिन भद्राक्ष तुरंत नहीं डूबता, तैरता रहता है।
रूद्राक्ष देखने में स्पष्ट और उभरा हुआ होता है जबकि भद्राक्ष पतला और कम उभरा हुआ होता है।
भद्राक्ष एक प्रकार का विषैला फल होता है।
रुद्राक्ष का बीज तेल, घी आदि के अभिसंचन से दिन पर दिन अत्यधिक कठोर होता जाता है जबकि भद्राक्ष तेल, जल आदि के अभिसंचन से धीरे धीरे खराब होने लगता है, सड़ने लगता हैl