आप सबको इस बात की जानकारी तो होगी ही की सभी प्रकार की होम्योपैथिक दवाएं विभिन्न प्रकार के पौधों या उन पर लगने वाले फलों से तैयार की जाती हैं. इसी तरह Lycopodium Clavatum भी क्लबमोस नामक पौधे के बीजों से बनायीं जाती है.
अब बात आती है 30CH या 200H को समझने की. दरअसल ये जो हर होम्योपैथिक दवा की शीशी पर 30CH या 200CH लिखा होता है ये उस दवा की ताकत होती है. Homeopathy में इस ताकत को Potency के नाम से जाना जाता है. यानी 100 CH दवा 30CH ज्यादा ताकतवर होती है.
इसी तरह 200CH दवा 100CH दवा से भी ज्यादा ताकतवर होती है. इसी तरह से Homeopathic दवा का एक रूप Mother Tincture होता है जो की मूल दवा होती है और जिसकी क्षमता ज्यादा होती है. इसी तरह Lycopodium 30 CH से CH 200 Lycopodium दवा के फायदे ज्यादा असरदार होते हैं.
लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं की आप किसी भी बीमारी के लिए सीधा ज्यादा Potency वाली दवा का सेवन शुरू कर दें. चिकित्सक आपको कोई भी दवा आपके रोग व् उसकी तीव्रता को पहचान कर आपको दवा बताते हैं.
Lycopodium दवा का बनाने के लिए ऊपर बताये गए पौधे के बीजों को कुचलकर उनका रस निकाला जाता है और बाकी की Processing की जाती है. फिर उसे अलग अलग Potency में बनाने के लिए सबको अलग अलग तैयार किया जाता है. इसे तैयार करने की विधि जानने के लिए आप Youtube का सहारा ले सकते हैं.
Lycopodium Medicine का Use कई तरह के रोगों में किया जाता है. लेकिन पेट सम्बन्धी समस्याओं, शारीरिक कमजोरी, यौन दुर्बलता व् मानसिक रोगों में इसका परिणाम जबरदस्त देखने को मिलता है. इसके अलावा मूत्र सम्बन्धी विकारों में भी ये बहुत ही अच्छा काम करती है.
इस दवा का सेवन शाम के समय करने की सलाह दी जाती है क्योंकि उस वक़्त ये शरीर के हर अंग पर बहुत ही अच्छा प्रभाव दिखाती है. यही वजह है की सभी चिकित्सक इसे शाम से 4-5 बजे से लेकर 9 बजे तक लेने की सलाह देते हैं. तो आइये विस्तार से जानते हैं की Lycopodium का उपयोग किन बिमारियों में किया जाता है.